कांग्रेस की केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा के ठीक बाद, 8 अगस्त को दिल्ली में प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के साथ उत्तराखण्ड कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की बैठक हुई । इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ,नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ,पूर्व सी एम हरीश रावत ,पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ,सुरेंद्र सिंह नेगी ,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौविंद सिंह कुंजवाल और लोकसभा प्रत्याशी और पूर्व अध्यक्ष गणेश गौदियाल शामिल थे ।
10 सदस्यी कमेटी का गठन
इस बैठक में आगामी केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के साथ निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर रणनीति पर विचार किया गया । लेकिन एक अहम बात जो छन कर आ रही है वो ये है कि अब प्रदेश कांग्रेस में महत्तवपूर्ण मसलों पर फैसला लेने के लिए संगठन की एक कमेटी का गठन किया गया है । इस कमेटी में 10 सदस्य होंगे । जिसमें प्रदेश अध्यक्ष,नेता प्रतिपक्ष,पूर्व सी एम ,पूर्व अध्यक्ष होंगे । इसके साथ ही लोकसभा प्रत्याशी प्रकाश जोशी और गणेश गौदियाल और प्रदीप टम्टा भी इस समिति के सदस्य होंगे । पार्टी के अहम फैसले अब इस समिति के जरिए ही लिए जाऐंगे । जहाँ अब तक पार्टी के अहम निर्णयों पर आखरी मोहर प्रदेश अध्यक्ष की होती थी अब इस कमेटी में निर्णय लिए जाऐंगे । सूत्र बता रहे हैं कि इस कमेटी की बैठक महीने में एक बार होना तय हुआ है । आने वाले पंचायत और निकाय चुनावों में टिकट बंटवारे से लेकर चुनावी रणनीति पर फैसला यही कमेटी करेगी ।
केदारनाथ उपचुनाव के लिए प्र्यवेक्षक तय
इस बैठक में केदारनाथ उपचुनावों को लेकर भी एक बड़ा फैसला लिया गया है । पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि केदारनाथ उपचुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए इस मीटिंग में दो प्र्यवेक्षकों के नाम तय कर लिए गए हैं । इनमें से एक है पूर्व कैबिनेट मंत्री ,मंत्री प्रसाद नैथानी और हाल ही में बदरीनाथ चुनाव जीते लखपत सिंह बुटौला । प्र्यवेक्षक इस सीट पर प्रत्याशी के नाम का प्रस्ताव इस कमेटी के सामने रखेंगे ।
जानकार मानते हैं कि पार्टी में लगातार बढ़ती गुटबाजी की खबरों को विराम देने के लिए ये एक बड़ा कदम है । प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा अभी तक सभी फैसले लेने के लिए पूरी तरह आजाद थे । लेकिन अब उन्हें इस कमेटी के साथ साझा फैसले लेने होंगे ।
आपको बता दें जुलाई महीने में ही पांच लोकसभा चुनावों में मिली हार की समीक्षा के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी प्रदेश में आई थी । जिसने संगठन ,विधायकों पूर्व विधायकों से हार के कारणों की जानकारी ली थी ।
प्रभारी के साथ हुई इस बैठक के बाद अब 12 अगस्त को विधायकों के साथ भी एक बैठक तय हुई है ।